प्राच्योनतर ग्रह दशा ख़त्म होते ही भारत कोरोना वायरस से निजात के बाद काम -काज पर लौट सकता है
ज्योतिष का मतलब ज्ञान का प्रकाश है। प्रकाश उम्मीद , आशा व् जीवन का कारक है और
अँधकार -निराशा का शत्रु है. इस लिए यह ज्योतिषविदों का धर्म है कि निराशा से ग्रसित इस लोक में उम्मीद का दिया जलाते रहे.
भारत की कुंडली में प्राच्योनतर ग्रह दशा अवधि १ जून २०२० को ख़त्म होगी। यह इंगित करती है कि कोरोना वायरस के फैलने से रुके हुए काम-काज जून से फिर से सुरु हो सकते है । मुझे उम्मीद है हम पर यह दैवीय प्रकोप इस साल के एन्ड तक कम होकर अंततः चरणबद्ध तरीके से काम करने के लिए अपने दफ्तरों में वापस लौट सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि लॉक-डाउन की अवधि और बढ़ सकती है। लेकिन घबराये नहीं। घर पर रहे। सोशल डिस्टन्सिंग धर्म का पालन संकट मिटने तक करते रहे ।
हालाँकि, जैसा मैंने पहले से कहा है 17 जुलाई 2020 तक अनंत काल सर्प दोष की वजह से ग्रह अनुकूल व् शुभ प्रभाव देने की स्थिति में नहीं है और इस महामारी से निजात मिलना जून (5 व् 21 ) में लगने वाले ग्रहण के बाद या अगस्त 16 को सूर्य मंगल और सितम्बर 23 को राहु केतु के राशि परिवर्तन के बाद ही सम्भब लग रहा है. भारत वर्तमान में 12 मार्च 2020 से 1 जून 2020 तक चंद्र -शनि -बुद्ध प्राच्योनतर दशा (मून-सैटर्न- मर्क्यूरी
माइनर पीरियड) से गुजर रहा है। चंद्रमा स्वास्थ्य सेवा, अस्पतालों और चिकित्सा सेवाओं का प्रतिनिधित्व करता है; शनि क्रोनिक (जीर्ण) रोगों और कठिनाइयों का प्रतिनिधित्व करता है जबकि बुध व्यापार व् व्यवसाय का प्रतिनिधित्व करता है। जैसा मैंने पहले भी कहा कि अभी सूर्य सहित सभी प्रमुख ग्रह भी ब्रह्मांडीय लॉक-डाउन ( काल सर्प दोष) से गुजर रहे है. यह ग्रह गोचर व् दशा अवधि स्पष्ट रूप से
भारत में कोविद -19 के संक्रमित मामलों में उछाल के कारण
मार्च महीने के दूसरे सप्ताह के बाद से बाजारों,व्यापार स्थलों , दफ्तरों व् कारखानों में काम काज में कमी , बाधा , घाटा और लॉक-डाउन को इंगित करता है.
यह निश्चित रूप से देश के लिए एक चुनौतीपूर्ण चरण है जिसमे स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था और व्यापार की हालत पस्त हो गई है. हालांकि, एक सकारात्मक नजरिये के तौर पर यह भंयकर चुनौती देश कोआत्म निर्भर बनने के लिए एक बड़ा अवसर भी दे रही है जिसमे निश्चित रूप से स्वास्थ्य प्रणाली,आर्थिक नीतियों और नागरिक निकायों
में सुधार का मौका है कि हम सबको
सामूहिक रूप से एकता के सूत्र में बँधकर किस तरह से तैयार होना चाहिए और ऐसी अभूतपूर्व स्थिति का सामना करना चाहिए और दूसरे देशों को भी मदत देनी चाहिए. एक लाइन में कहा जाय तो हम सभको आत्म निर्भर बनने का यह सबसे सुनहरा मौका है. अपना अहंकार त्याग कर , जरुरी और गैर जरुरी वस्तुओ , स्थितियों , प्रयासों,अन्तरविरोधों में अंतर करना सीखना होगा और बुद्धिमानी से आगे बढ़कर धर्म में बताये सदमार्ग पर चलने का चुनाव करना होगा। सायद ईश्वर की भी यही इच्छा है।
मेरे अपने पहले के पोस्ट में (India under astro lens-Where is India's Heading?) 2009 में संकेत दिया था कि भारत 2015 से 2025 तक सबसे तेज गति के ग्रह चंद्रमा महा दशा (प्रमुख अवधि) के समय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेगा। तब से देश में ने “नेशनल हेल्थ एश्योरेंस मिशन (NHAM) के साथ स्वास्थ्य सेवा में आमूल-चूल सुधार किए है । सरकारी वित्त पोषित स्वास्थ्य बीमा परियोजना "आयुष्मान भारत" 2018 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई ।
स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के परिवर्तन को सक्षम करने और अन्य क्षेत्रों में प्रो-हेल्थ नीतियों को बढ़ावा देने के लिए हेल्थकेयर को इस दशक के लिए एक मुख्य प्राथमिकता बना दिया गया है, अब इस अदृश्य कोविंद -19 चुनौती के आगमन के साथ, हमारी स्वास्थ्य संरचना और अधिक मजबूत और चुस्त बन सकती है।
हालाँकि,सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह शनि की अनंतर दशा (उप अवधि 25 दिसंबर 2019 से ) के दौरान भारत पहले से ही मंदी का सामना कर रहा है। यह गह दशा 11 जुलाई 2021 को ख़त्म होगी और उसके बाद ही स्थिति सामन्य होने की संभावना दिख रही है. इसलिए अब चीन से इस घातक बीमारी के आगमन से और इससे निपटने के लिए अगले साल जुलाई तक कई तरह के कष्ट झेलने होंगे। लेकिन राहत की बात यह है कि शनि ग्रह अध्यात्म के मार्ग पर चलने वाले भारत के लिए फायदेमंद है
; मुझे विश्वास है कि हम राहु द्वारा पोषित सांप्रदायिक संघर्षों को छोड़कर हर एक चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे.
इस भारी आर्थिक संकट से जो लोग बेरोजगार होंगे वे अपने अनुभव, नेतृत्व व् मेहनत से कृषि , बागवानी ,पशुपालन , डेरी ,शिल्प, कास्तकारी, औषधि, आयुर्वेद , बायो गैस और ग्रामीण भारत में कुटीर उद्योग को उन्नत करने में सहायक साबित होंगे जिससे ज्यादातर लोग अपने-अपने गांवो, छोटे शहरो और कस्बों के समीप जीवन यापन कर शहरो का बोझ कम कर पायंगे और स्वयं को आत्म निर्भर बनाकर देश को मजबूती देंगे.
केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर देश को आत्म निर्भर बनाने के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे जिसमे सबसे ज्यादा फोकस स्वरोजगार उद्योग, मेक इन होम इंडिया और कृषि पर देश के मध्यम व गरीब वर्ग को उन्नति के मार्ग पर अग्रसर करेगा।
राहु-केतु
23 सितंबर 2020 से 24 मार्च 2022 तक वृषभ-वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे। इस अवधि में
सांप्रदायिक संघर्षों या युद्ध वाली स्थिति बनने की संभावना है .सितम्बर 10 से मंगल का वक्री चाल और
दिसंबर 2020 का कॉस्मिक चार्ट (नव 15 से सूर्य के गोचर के साथ फिर बनेगा काल सर्प दोष) कुछ बड़ी समस्या, हिंसा और युद्ध को इंगित करता है। 4 अक्टूबर से 20 नवंबर , और 26 दिसंबर से 30 जनवरी 2021 और 15 फेब से 25 अप्रैल 2021 तक देश को विशेष सावधान रहने की जरुरत होगी सावधान व् विवेकशील बने रहे.
As predicted India begins to Unlock. https://timesofindia.indiatimes.com/india/unlock-1-0-whats-open-and-from-when/articleshow/76109536.cms
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