Posts

Showing posts from April, 2020

Mars transits to rebellious sign Aquarius, be careful while dealing with challenges of reverse migration, public anger

Image
Markets may fall initially and remain highly volatile  Planet Mars will enter the sign of Aquarius on 4 th  May 2020.  The cosmic warrior  will also receive inauspicious aspect from mischievous planet Rahu for the next 45 days in  this sign , indicates there may be many fold jump in Covid-19 cases in India. We may reach the peak of this troubling health situation during this phase and need to be extremely cautious and careful.  Please note as i said earlier this is a karmic cycle where all planets are transiting in Rahu-Ketu kaal serp dosh axis and are also going through cosmic lock-down where their positive energy is interrupted This deadly virus originated around solar eclipse of Dec 26, 2019 and may begin to reduce drastically or end once Lord Sun passes Rahu axis in Gemini from June 15 to July 17, 2020.    The situation is likely to worsen in the next few weeks or may be months. We must observe complete fasting and do mantra chanting during upcoming lunar and solar ecli

सत-मंगल के कारण हुए सिया -राम अलग, आज भी होते है देवभूमि  में अवतरित रघुनाथ

Image
हिन्दू सनातन   धर्म    में ज्ञान का जो    कोश     है, वह कहीं    और नहीं है.    जिसमे ४ वेद ,  ६ उपबेद ,  १०८ उपनिषद ,  ६ वेद   गंगा ,  १८ पुराण ,  १८ उप पुराण ,  ८ धर्म शात्र ,  ६ दर्शन शास्त्र ,   १०० पंचरात्र अगमा    और दो इतिहास   " रामायण” और “महाभारत " शामिल   हैं . मांगलिक दोष होता है   गृहस्थ सुख में कमी  का कारण  कोरोना    महामारी    लॉकडाउन   के बीच   डीडी नेशनल पर दोबारा प्रसारित   ‘ रामायण’ में इस समय एक बहुत ही भावुक    एपिसोड चल रहा है, जिसमे   कौशल देश के राजा   भगवान श्रीराम    अपनी धर्मपत्नी    जगतमाता   सीता    का   रा वण    द्वारा हरण  एवं  10  महीने तक    बंधक    बनाए   जाने के   विषय में  अपनी    ही प्राणप्रिय    राजधानी   अयोध्या    की  प्रजा    के    मन में उनके सतीत्व को लेकर  हुई  शंका-कुशंका    का घटनाक्रम दिखाया जा रहा है.   हमारे समाज की   प्रजाजनों   की ऐसी संकुचित सोच श्रीराम के मन को गहरी    ठेस पहुँचाती    है, जिसकी वजह से वे    सीता माता सहित सबको   बहुत परेशान दिखाई देते है.    सीता   माता    अपनी    दासी   से     श्रीराम के    दुःख का

अहंकार से कोरोना को हरा नहीं सकते, जाने क्या है कोरोना का अंतिम उपाय  

Image
संसार के सभी धर्मों का  सार  एक ही है. हर  मजहब  में सत्‍य, अहिंसा, प्रेम, करुणा, भाईचारा, सहनशीलता, सदाचार,  अध्यात्म  आदि पर  जोर  दिया गया है .  यह उचित समय है कि इस धर्म ज्ञान का प्रकाश सबके अंतर्मन में फिर से प्रज्वलित हो सके. . क्या किसी ने कभी सोचा था कि लगभग संपूर्ण मानव जाति को अपना जीवन एक अनजानी महामारी से सुरक्षित करने के लिए इस तरह से घरों में बंद रहने को मजबूर होना पड़ेगा? सायद किसी ने भी इसकी कल्पना नहीं की होगी. दूर दूर तक चारो ओर  रोंगटे खड़े करने वाला सन्नाटा पसरा हुआ है. यैसा लगता है मानो ऊपर वाले ने इस गतिशील जगत को जानबूझकर रोक कर सबको कैद कर दिया है. इस महामारी से लगभग पूरा संसार पीड़ित हैं जो आज तक पहले कभी नहीं हुआ. हर तरफ त्राहि-त्राहि माम वाली स्थिति बन चुकी है. सोशल डिस्टैन्सिंग के रूप में पुराने ज़माने में उत्पन छुआ -छूत आज मानव को इस घातक बीमारी को रोकने का एकमात्र मन्त्र है।   हो सकता है हजारो साल पहले इसी तरह की कोई महामारी के रोक -थाम के लिए किसी विशेष परिवार , समुदाय को समाज से अलग कर दिया गया हो जो बाद में  छुआ -छूत  की बुरी प्रथा

प्राच्योनतर ग्रह दशा ख़त्म होते ही भारत  कोरोना वायरस से निजात के बाद काम -काज पर लौट सकता है

Image
ज्योतिष का मतलब ज्ञान का प्रकाश है। प्रकाश उम्मीद , आशा व् जीवन का कारक है और  अँधकार -निराशा का शत्रु है. इस लिए यह ज्योतिषविदों का धर्म है कि निराशा से  ग्रसित इस लोक में उम्मीद का दिया जलाते रहे. भारत की कुंडली में प्राच्योनतर ग्रह दशा अवधि १ जून २०२० को ख़त्म होगी।  यह इंगित करती है कि कोरोना वायरस के फैलने से  रुके हुए काम-काज जून  से फिर से सुरु हो सकते है ।  मुझे उम्मीद है हम पर यह दैवीय प्रकोप इस साल के एन्ड तक  कम होकर अंततः चरणबद्ध तरीके से काम करने के लिए अपने दफ्तरों में वापस लौट  सकते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि लॉक-डाउन की अवधि और बढ़ सकती है। लेकिन घबराये नहीं। घर पर रहे।  सोशल डिस्टन्सिंग धर्म का पालन संकट मिटने तक करते रहे । हालाँकि, जैसा मैंने पहले से कहा है 17 जुलाई 2020 तक अनंत काल सर्प दोष की वजह से ग्रह अनुकूल व् शुभ प्रभाव देने की स्थिति में नहीं है और इस महामारी से निजात मिलना जून (5 व् 21 ) में लगने वाले ग्रहण के बाद या अगस्त 16 को सूर्य मंगल  और  सितम्बर 23 को राहु केतु के राशि परिवर्तन के  बाद ही सम्भब लग रहा है. भारत वर्तमान में 12 मार्च 2020